बढ़ा जीएसटी का पहरा.लोहा कारोबारी कर रहे एमपी शिफ्ट करने पर विचार, बोले- 50% ही चल रहा है

बढ़ा जीएसटी का पहरा.लोहा कारोबारी कर रहे एमपी शिफ्ट करने पर विचार, बोले- 50% ही चल रहा है

बढ़ा जीएसटी का पहरा.लोहा कारोबारी कर रहे एमपी शिफ्ट करने पर विचार, बोले- 50% ही चल रहा है कारोबार कानपुर में एसजीएसटी के प्रमुख सचिव के निर्देश पर विभाग के अफसरों ने कानपुर, उन्नाव समेत प्रदेश के लोहा निर्माताओं पर की जा रही निगरानी की अवधि को और बढ़ा दिया है। छह दिसंबर को नए निर्देश जारी किए गए हैं।लोहा इकाइयों के उन्नाव स्थित प्रतिष्ठानों की निगरानी के लिए चार टीमें लगाई गई हैं। अफसरों को 24 घंटे ई-वे बिलों के सत्यापन की जिम्मेदारी दी गई है।

इन स्थितियों में कारोबारियों का कहना है कि संभावना थी कि निगरानी बढ़ाई जाएगी। इसके चलते उत्पादन और ट्रेडिंग पर असर दिखने लगा है। आगे भी ऐसी ही संभावना को देखते हुए कारोबारी मध्य प्रदेश में काम जमाने के बारे में सोचने लगे हैं। एसजीएसटी अफसरों ने 26 नवंबर को पत्र जारी करके लोहा-स्टील कारोबार में कर चोरी रोकने के लिए एक सप्ताह के रोस्टर के अनुसार विभाग और पुलिस समेत आठ अफसरों की दो टीमें लगाई थीं।

 

500 करोड़ की अघोषित आय का पता चला था

इन दोनों टीमों को रिमझिम इस्पात की उन्नाव शाखा और यहीं स्थित आरएचएल की निगरानी के निर्देश दिए थे। 27 नवंबर को आयकर अफसरों की टीमों ने रिमझिम इस्पात के प्रतिष्ठानों पर देशव्यापी छापा मारा था। इसमें बोगस फर्मों के जरिये 500 करोड़ की अघोषित आय का पता चला था। नए निर्देशों में फिर से निगरानी के लिए रोस्टर के अनुसार अफसरों की ड्यूटी लगाई गई हैं।

 

जिलावार लोहा और स्टील कारोबारियों को सूची भेजी गई

छह दिसंबर को अपर आयुक्त ग्रेड एक शशांक शेखर मिश्रा और अपर आयुक्त ग्रेड दो (एसआईबी) संजय पाठक की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं। सूत्रों ने बताया कि शासन को जिलावार लोहा और स्टील कारोबारियों को सूची भेजी गई थी। इसके बाद से शासन ने सख्ती शुरू की। शहर में पहले हर दिन औसतन करीब 100 करोड़ का कारोबार होता था, जो सिमटकर आधा रह गया है।

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50 प्रतिशत ही चल रहा कारोबार

मांग और मंदी के चलते 50 प्रतिशत रह गए कारोबार की निगरानी कराने का उद्यमी और व्यापारी संगठनों ने कड़ा विरोध किया है। उनका कहना है कि जिस तरह से निगरानी कराई जा रही है, इससे कारोबारियों में भय बढ़ता जा रहा है। कारोबारी अब अपना कारोबार शिफ्ट करने पर विचार कर रहे हैं। भाव कम होने के बाद भी उत्पादों की मांग नहीं है। प्लास्टिक और फाइबर की बढ़ती मांग के बीच कारोबार बचाना मुश्किल हो रहा है।

 

शासन के अफसर मनमानी कर रहे हैं। जिस तरह हफ्ता दर हफ्ता निगरानी बढ़ाई जा रही है, इससे कारोबारी भयभीत और चिंतित हैं। कारोबार को दूसरे राज्य में शिफ्ट करने पर भी विचार करने लगे हैं। कर बढ़ाने की दिशा में काम होना जरूरी है लेकिन इस तरह से निगरानी की व्यवस्था ठीक नहीं है। कारोबारी मध्य प्रदेश में कारोबार ले जाने पर चर्चा करने लगे हैं। -उमंग अग्रवाल, महासचिव फीटा और लोहा कारोबारी

 

एक ट्रेड को लक्ष्य करके निगरानी कराना ठीक नहीं है। इससे कारोबारियों में भय बढ़ रहा है। शहर में लोहा-इस्पात का बड़ा काम रहा है लेकिन अब लोहा और इस्पात बाजार अनिश्चिता की ओर है। शहर में कुछ साल पहले तक 60 से ज्यादा बड़े कारोबारी थे। अब सिमटकर तीन से चार ही ही बचे हैं। -महेश सोनी, महामंत्री, आयरन एंड स्ट्रील ट्रेडर्स एसोसिएशन

 

सहालग और खेती-किसानी में भी उत्पादों की मांग न होने से बाजार में उत्पाद डंप हो रहे हैं। लोहे के स्थान पर प्लास्टिक फाइबर व उन वस्तुओं पर निर्भरता होने के कारण लोहा कारोबार पहले से जूझ रहा है। अब शासन के निर्देश पर निगरानी बढ़ाई जा रही है। उत्पादन घटने का असर आने वाले महीनों में दिखने लगेगा। -आयुष द्विवेदी, लोहा कारोबारी