शिव पूजा में उत्तर की ओर मुख करें-संजीव शंकर
शिव पूजा में उत्तर की ओर मुख करें-संजीव शंकर

*शिव पूजा में उत्तर की ओर मुख करें-संजीव शंकर*
श्रावण मास में भिन्न भिन्न इच्छाओं की पूर्ति के लिए विभिन्न द्रव्यों से व रुद्र मंत्रों के साथ किया गया भगवान शिव का अभिषेक रुद्राभिषेक कहलाता है, ॐ नमः शिवाय मंत्र के साथ जल से किया गया अभिषेक जलाभिषेक कहलाता है।
महामृत्युंजय सेवा मिशन अध्यक्ष संजीव शंकर ने बताया कि पंचामृत ( दूध, दही, शहर, घी व गंगाजल) से किया गया अभिषेक समस्त प्रकार के सुख समृद्धि वाला होता है किसी भी विशेष दिन किसी विद्वान ब्राह्मण के साथ बैठकर रुद्राभिषेक करना चाहिए सामान्य रूप से प्रतिदिन गुरु से प्राप्त कोई शिव मंत्र जपते हुए पंचामृत से अभिषेक करें शिवालय में शिवलिंग के दक्षिण दिशा में उत्तर की ओर मुख करके खड़ा होना चाहिए (सामान्य रूप से जो जलहरी का मुख होता है वह उत्तर की ओर होता है) धन के लिए गन्ने के रस से, परिवार में सुख शांति समृद्धि के लिए पंचामृत से, शत्रु नाश के लिए सरसों के तेल से,इत्र मिला जल से बीमारी दूर होती है, दांपत्य जीवन में मधुरता आती है,कुशोदक से असाध्य रोगों से शांति,और तीर्थ जल से मोक्ष की प्राप्ति होती है।










