बालिकाओं ने ली कसम, भूजल बर्बाद नही करेंगे हम

बालिकाओं ने ली कसम, भूजल बर्बाद नही करेंगे हम

भूजल सप्ताह 2025

 

जल सुरक्षित तो कल सुरक्षित।।

सुहाना की अपील – भूजल का अतिदोहन न करें।।

 

बालिकाओं ने ली कसम, भूजल बर्बाद नही करेंगे हम ।।

 

हर घर जल, भूजल।। डॉ राजीव कुमार

फ्लायर्स के माध्यम से भूजल सप्ताह के विषय में किया गया प्रचार- प्रसार

भूजल क्विज प्रतियोगिता में सफल बालिकाओं को उपहार भेंट कर किया गया उनका उत्साहवर्धन

जिलाधिकारी उमेश मिश्रा के निर्देशन एवम मुख्य विकास अधिकारी कण्डारकर कमलकिशोर देशभूषण के मार्गदर्शन में “कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय बुढाना” मुज़फ्फर नगर में भूजल सप्ताह 2025 के अंतर्गत जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया

भूजल सप्ताह के अंतर्गत आयोजित जन जागरूकता कार्यक्रम में उपस्थित बालिकाओं को डॉ राजीव कुमार द्वारा भूजल के विषय में विस्तृत जानकारी दी गई।। बालिकाओं को बताया गया कि भूजल, जिसे भूमिगत जल / भूगर्भ जल भी कहा जाता है, पृथ्वी की सतह के नीचे चट्टानों और मिट्टी के बीच के खाली स्थानों में पाया जाने वाला पानी है। यह एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन है जिसका उपयोग पीने, सिंचाई और औद्योगिक प्रक्रियाओं के लिए किया जाता है।

भूजल तब बनता है जब वर्षा का पानी, नदियों और झीलों का पानी, या अन्य सतह का पानी मिट्टी और चट्टानों के माध्यम से रिसकर नीचे चला जाता है।

भूजल चट्टानों और मिट्टी के बीच के खाली स्थानों, जिन्हें जलभृत (aquifers) कहा जाता है, में जमा होता है।

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भूजल का उपयोग पीने के पानी, सिंचाई, औद्योगिक प्रक्रियाओं, और अन्य उपयोगों के लिए किया जाता है।

भूजल एक नवीकरणीय संसाधन है, लेकिन नवीनीकरण की दर विभिन्न कारकों जैसे वर्षा, वाष्पीकरण, और भूजल निकासी पर निर्भर करती है।

भूजल पृथ्वी पर ताजे पानी का एक महत्वपूर्ण स्रोत है और जल चक्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

भूजल का संरक्षण महत्वपूर्ण है क्योंकि अत्यधिक दोहन से जल स्तर में गिरावट, पानी की गुणवत्ता में कमी और अन्य पर्यावरणीय समस्याएं हो सकती हैं।

भारत दुनिया में सबसे बड़ा भूजल उपभोक्ता है, जिसका 87% से अधिक उपयोग कृषि में होता है।

भारत में भूजल स्तर में गिरावट एक गंभीर समस्या है, खासकर कुछ क्षेत्रों में, जहां अत्यधिक दोहन और प्रदूषण के कारण जल स्तर खतरनाक स्तर तक गिर गया है।

भूजल स्तर में गिरावट के मुख्य कारणों में अत्यधिक दोहन, प्रदूषण, वर्षा की कमी, और शहरीकरण शामिल हैं। *भूजल सप्ताह* जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन एवं संचालन डॉ राजीव कुमार द्वारा किया गया।  उक्त जन जागरूकता कार्यक्रम में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी श्री संदीप कुमार के नेतृत्व में विद्यालय वार्डन रश्मि रानी, शिक्षक पूनम शर्मा, सविता स्वामी, नेहा, वर्षा एवं कोमल की महत्वपूर्ण भूमिका रही। कार्यक्रम के अंत में विद्यालय वार्डन द्वारा सभी का आभार व्यक्त किया गया।