भूजल संवाद कार्यक्रम का भव्य आयोजन
भूजल संवाद कार्यक्रम का भव्य आयोजन

भूजल संवाद कार्यक्रम का भव्य आयोजन
जिलाधिकारी उमेश मिश्रा के निर्देशन एवम मुख्य विकास अधिकारी कण्डारकर कमलकिशोर देशभूषण के मार्गदर्शन में जिला महिला चिकित्सालय, मुज़फ्फर नगर में भूजल सप्ताह 2025 के अंतर्गत भूजल संवाद कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया
मुख्य अतिथि पंडित संजीव शंकर, विशिष्ट अतिथि प्रवेंद्र दहिया,मुख्य चिकित्सा अधीक्षिका डॉ आभा आत्रेय, डॉ अनुज राजवंशी, डॉ निष्काम वर्मा, डॉ राधा चौधरी, एच डी एम सबा रानी एवं डॉ राजीव कुमार द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया भूजल संवाद कार्यक्रम का शुभारंभ
मुख्य चिकित्सा अधीक्षिका, जिला महिला चिकित्सालय की अध्यक्षता में भूजल संवाद कार्यक्रम हुआ आयोजित एवं उपस्थित सभी को दिलाई गई जल शपथ
भूजल संवाद कार्यक्रम का आयोजन एवं संचालन डॉ राजीव कुमार द्वारा किया गया
भूजल संवाद कार्यक्रम में अधिकारीगण, चिकित्सक, समाजसेवी,नर्स, प्रशिक्षणार्थी,आशा तथा चिकित्सालय स्टाफ द्वारा किया गया प्रतिभाग
भूजल संवाद कार्यक्रम में सकीर्य प्रतिभाग करने वाले / महत्वपूर्ण सुझाव साझा करने वाले प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र देकर किया गया सम्मानित
जल बचाने के साथ साथ जल प्रदूषण रोकना आवश्यक पंडित संजीव शंकर
जल बचाने हेतु सभी मिलकर करें प्रयास प्रवेंद्र दहिया
भूजल सप्ताह मनाने से बढ़ेगी जन जागरूकता डॉ अनुज राजवंशी
जल बचाने हेतु छोटे छोटे प्रयास भी करने होंगे डॉ राधा चौधरी
आने वाली पीढ़ी हेतु जल बचाएँ डॉ निष्काम वर्मा
फ्लायर्स के माध्यम से भूजल सप्ताह के विषय में किया गया प्रचार- प्रसार
भूजल संवाद में स्वाति, शिवानी,खुशबू,गीता,कविता, काजल,राधा,शशि, सपना,नूर,पुष्पा, द्वारा किया गया सकीर्य प्रतिभाग
भूजल सप्ताह के अंतर्गत आयोजित जन जागरूकता कार्यक्रम भूजल संवाद में उपस्थित प्रतिभागियों को डॉ राजीव कुमार द्वारा भूजल के विषय में विस्तृत जानकारी दी गई तथा बताया गया कि भूजल, जिसे भूमिगत जल/ भूगर्भ जल भी कहा जाता है, पृथ्वी की सतह के नीचे चट्टानों और मिट्टी के बीच के खाली स्थानों में पाया जाने वाला पानी है। यह एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन है जिसका उपयोग पीने, सिंचाई और औद्योगिक प्रक्रियाओं के लिए किया जाता है।
भूजल तब बनता है जब वर्षा का पानी, नदियों और झीलों का पानी, या अन्य सतह का पानी मिट्टी और चट्टानों के माध्यम से रिसकर नीचे चला जाता है।
भूजल चट्टानों और मिट्टी के बीच के खाली स्थानों, जिन्हें जलभृत (aquifers) कहा जाता है, में जमा होता है।
भूजल का उपयोग पीने के पानी, सिंचाई, औद्योगिक प्रक्रियाओं, और अन्य उपयोगों के लिए किया जाता है।
भूजल एक नवीकरणीय संसाधन है, लेकिन नवीनीकरण की दर विभिन्न कारकों जैसे वर्षा, वाष्पीकरण, और भूजल निकासी पर निर्भर करती है।
भूजल पृथ्वी पर ताजे पानी का एक महत्वपूर्ण स्रोत है और जल चक्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
भूजल का संरक्षण महत्वपूर्ण है क्योंकि अत्यधिक दोहन से जल स्तर में गिरावट, पानी की गुणवत्ता में कमी और अन्य पर्यावरणीय समस्याएं हो सकती हैं।
भारत दुनिया में सबसे बड़ा भूजल उपभोक्ता है, जिसका 87% से अधिक उपयोग कृषि में होता है।
भारत में भूजल स्तर में गिरावट एक गंभीर समस्या है, खासकर कुछ क्षेत्रों में, जहां अत्यधिक दोहन और प्रदूषण के कारण जल स्तर खतरनाक स्तर तक गिर गया है।
भूजल स्तर में गिरावट के मुख्य कारणों में अत्यधिक दोहन, प्रदूषण, वर्षा की कमी, और शहरीकरण शामिल हैं। *भूजल सप्ताह के अंतर्गत* जन जागरूकता कार्यक्रम भूजल संवाद का आयोजन एवं संचालन डॉ राजीव कुमार द्वारा किया गया। उक्त जन जागरूकता कार्यक्रम भूजल संवाद में में हेल्प डेस्क मैनेजर सबा रानी, प्रियंका, दीक्षा, रीमा रानी,वंदना,सीमा, तनु, राहुल एवं अखिलेश की महत्वपूर्ण भूमिका रही। कार्यक्रम के अंत में एच डी एम द्वारा सभी का आभार व्यक्त किया गया।










