योग से अज्ञान आवरण का क्षय सामिप्य और संतुलन हेतु योग व यज्ञ :- कुलपति डा. विमला वाई
योग से अज्ञान आवरण का क्षय सामिप्य और संतुलन हेतु योग व यज्ञ :- कुलपति डा. विमला वाई

योग से अज्ञान आवरण का क्षय सामिप्य और संतुलन हेतु योग व यज्ञ :- कुलपति डा. विमला वाई
योग गुरु पदमश्री स्वामी भारत भूषण ने बताई श्रावण में श्रवण की महिमा
(गौरव सिंघल)
सहारनपुर। माता शाकंभरी विश्वविद्यालय की वनस्पति विज्ञान विशेषज्ञ कुलपति डॉक्टर विमल वाई ने प्रकृति संतुलन के लिए वनस्पति व यज्ञोषधियों के विषय में बहुत महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए कहा कि आरोग्य अभ्युदय और आनंदमय जीवन के लिए पर्यावरण संतुलन और संरक्षा अत्यावश्यक हैं और भारतीय ऋषियों द्वारा आरंभ की गई यज्ञों की विविध प्रणालियां प्रकृति और मानवता की सुरक्षा का आधार हैं जो हमारी मन: स्थिति को भी गहरे से प्रभावित करती हैं। वह आज मोक्षायतन अंतर्राष्ट्रीय योगाश्रम के बेरीबाग स्थित मुख्यालय पर प्रातः होने वाले योग और यज्ञ की मुख्य यजमान के रूप में संबोधन दे रही थी। उन्होंने मिट्टी को उपजाऊ बनाने के तरीकों से लेकर वृक्षारोपण के लिए वृक्ष चयन पर भी प्रकाश डालते हुए खुशहाल जीवन के लिए वृक्षों के अपरिग्रह गुण की ओर ध्यान आकर्षित किया और कहा कि हम सभी को अपनी इच्छाओं पर नियंत्रण करना चाहिए सीमित संसाधनों में जीवन यापन करने के गुण अपनाने से प्रेम और समीप्य तो बढ़ेगा ही, मानव को कभी किसी चीज का अभाव भी नहीं हो सकता। योग व यज्ञमय जीवन शैली को उन्होंने भूमि वृक्ष व मानव के साथ जीव जंतुओं की सुरक्षा और संतुलित सामंजस्य का आधार बताया। उन्होंने बताया कि जीव रक्षा के लिए ही माता शाकंभरी विश्वविद्यालय में शरीर संरचना और विविध अंगों की कार्यविधि के अध्ययन के लिए किए जाने वाले डाईसेक्शन में जीवों के प्रयोग की जगह ए आई के द्वारा सारी कार्यविधि को पढ़ाने की शुरुआत की जा रही है। इस अवसर पर योग गुरु पदमश्री स्वामी भारत भूषण ने श्रावण चतुर्मास में श्रवण मनन निधिध्यासन के साथ शिव आराधन की महिमा के विषय में विस्तृत रूप से बताते हुए कहा कि चतुर्मास गुरुओं से श्रवण (सुनने) द्वारा अध्यात्म साधना को समृद्ध करने का मास है जिसमें हम आध्यात्मिक व मानसिक शक्ति संचय कर पाते हैं। यज्ञ में विभु गोदानी,डा अशोक गुप्ता, मंजू गुप्ता,आचार्या अनीता शर्मा ,पूनम,सुभाष, इ. आलोक श्रीवास्तव, ललित वर्मा, खुशबू, वासुदेव, सोनल चौधरी सहित बड़ी संख्या में योग साधको की उपस्थिति रही और गुरुमाता इष्ट शर्मा ने अंगवस्त्र रुद्राक्षमाल और श्रीफल भेंट कर कुलपति विमला वाई को आशीर्वाद दिया।










